संपादकीय 

डॉ. आलोक रंजन पाण्डेय

शोधार्थी

क्रांतिकारी निराला साहित्य में स्त्री विमर्श – सुमन कुमारी

पर्यावरण और कवि पंत – गुप्ता अशोक कुमार कृपानाथ

छायावादी रचनाकारों की दृष्टि में नारी – डॉ. बलजीत श्रीवास्तव

जयशंकर प्रसाद के काव्यों में नारीवादी दृष्टिकोण – डॉ. शक्ति प्रसाद द्विवेदी

छायावाद काव्य-भाषा और पल्लव – आशीष जायसवाल

छायावाद की व्यापकता – श्रद्धा वर्मा 

मध्यवर्गीय नारी, समाज और सेवासदन – मनीता ठाकुर / डॉ. टी. एन. ओझा

साहित्य संबंधी प्रेमचन्द की चिन्तन दृष्टि – ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह 

यशोधरा : समय सापेक्षता – डॉ. रूचिरा ढींगरा

 

अनुभूति

राकेशधर द्विवेदी की कविताएँ

चंगेज के बेटे (कहानी) – समीर कुमार

सृष्टि भार्गव की कविताएँ

डॉ. अवधेश कुमार ‘अवध’ की कविताएँ

कड़वा सच (कविता) – नीरज त्यागी

 

जरा हट के

कच्चे नीम की निमोड़ी सावन जल्दी अईयो रे – डॉ. ममता सिंगला

मैत्रेयी पुष्पा का चाक: स्त्री पीड़ा और वि‍द्रोह का स्‍वर – रजनी पाण्डेय

गाय बिना गोदान – डॉ. अवधेश कुमार ‘अवध’

केदारनाथ अग्रवाल के काव्य में प्रकृति, आदमी और साहचर्य का सौन्दर्य – उषा यादव

 

समीक्षा

उम्मीदों का मौसम लेकर आई ‘अक्टूबर जंक्शन’ – तेजस पूनिया

 

सिनेमा/फैशन

समालोचना/आलोचना: वीरे दी वेडिंग – डॉ. विदुषी शर्मा 

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