
काव्य का उत्स अंतर की गहराइयों में है और कहा भी जाता है कि कला का जन्म अंतश्चेतना से होता है । काव्य अध्ययन की पूर्णता की दिशा में व्यक्तित्व […]
काव्य का उत्स अंतर की गहराइयों में है और कहा भी जाता है कि कला का जन्म अंतश्चेतना से होता है । काव्य अध्ययन की पूर्णता की दिशा में व्यक्तित्व […]
दिनांक 9 सितंबर 2021, सुबह 9:30 बजे, आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में श्री वेंकटेश्वर कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय के बी०ए० प्रोग्राम की संस्था ‘लक्ष्य सोसायटी’ द्वारा ‘अस्मितामूलक विमर्श और […]
हिंदू-मुस्लिम सौहार्द के विलक्षण पैरोकार और महत् आकांक्षी बांग्ला कवि-लेखक काजी नज़रुल इस्लाम आधुनिक बांग्ला काव्य एवं संगीत के इतिहास में निस्संदेह एक युग प्रवर्तक थे। प्रथम महायुद्ध के उपरांत […]
हिंदी सिनेमा ने सौ साल के सफर में व्यक्ति समाज से जुड़े भावों, सम्वेदनाओं, प्रेम, हिंसा, भक्ति, चरित्र, सौन्दर्य और ना जाने कितने ही रंगों को रजत पटल पर उकेरकर […]
भारतीय सिनेमा पूरी विश्व में जाना जाता है। पिछले दो दशकों में भारतीय सिनेमा में क्षेत्रीय फ़िल्मों की तादाद बढ़ी है। भूमंडलीकरण के साथ आई नई तकनीकी, सिनेमाघर और कला […]
आज़ादी की लड़ाई कोई एक आयामी नहीं थी। देश में छोटे से बड़े सभी स्तरों पर व्यक्तियों, संस्थानों और साहित्य के माध्यम से सभी अपना अक्षुण्ण योगदान दे रहे थे। […]
माननीय प्रधानमंत्री जी, भारत सरकार, आप देश को विकास के पथ पर ले जाने का संकल्प दोहनराते हैं, सबका साथ, सबका विश्वास एवं सबका विकास। श्रीमान प्रधानमंत्री जी, जिस प्रकार […]
सिनेमा मूक फिल्मों से होता हुआ श्वेत श्याम और रंगीन व थ्री डी तक आ पहुंचा है जिसमें मनोरंजन से होता हुआ सिनेमा विचारात्मक या प्रतिरोध का रूप ले चुका […]
साहित्य को समाज का दर्पण माना गया है, ठीक उसी तरह सिनेमा समाज का चित्रण करने वाला तकनीकी कलारूप है। देश के इतिहास निर्माण में सिनेमा का भी बड़ा योगदान […]
सिनेमा वर्तमान युग में समस्त कलात्मक अभिव्यक्ति के माध्यमों में सबसे सशक्त माध्यम बनकर उभरा है। किसी भी जाति, धर्म, वर्ग के लोगों को सीधे प्रभावित करने में यह पूर्णतया […]