
वज़्न- 212 212 212 212 अरकान- फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन ज़िंदगी इक सफ़र है नहीं और कुछ। मौत के डर से डर है नहीं और कुछ।। तेरी दौलत महल तेरा […]

वज़्न- 212 212 212 212 अरकान- फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन फ़ाइलुन ज़िंदगी इक सफ़र है नहीं और कुछ। मौत के डर से डर है नहीं और कुछ।। तेरी दौलत महल तेरा […]

” आध्यात्मिक अनुसंधान में सत्य दर्शन का रहस्योद्घाटन प्रामाणिक स्वरूप से होने के कारण , साधना के पथ पर गतिशील साधक के लिए – आत्मानंद के सानिध्य में परिष्कृत आत्मचिंतन […]

एक सच्चा सन्त अपने परिवेष की अवहेलना नहीं करता, उसका अपने सामाजिक परिवेष के साथ धनिष्ठ सम्बन्ध होता है। वह सामाजिक उतार-चढ़ावों, उसके द्वन्द्वों आदि को समझता है। उसकी वाणी, […]

[Übersetzung der Kurzgeschichte „Nachts schlafen die Ratten doch“ von Wolfgang Borchert. Aus dem Deutschen ins Hindi übersetzt von Ram Chander Gupta] मूल जर्मन से हिन्दी में अनुवाद लेखक : वोल्फ़गांग […]

भारतीय सिनेमा में सार्थक सिनेमा बनाने वाले निर्देशकों में सत्यजित रे, बासु भट्टाचार्य आदि जैसे बंगाली फिल्म निर्देशकों का स्थान हमेशा अव्वल रहा है। लेकिन इन्हीं लोगों की पंक्ति में […]

अनुक्रमणिका संपादकीय डॉ. आलोक रंजन पांडेय शोधार्थी गांधीजी के राम : एक सांस्कृतिक-विमर्श – डॉ. अरुणाकर पाण्डेय तुलसी के राम सौंदर्य, शक्ति और शील के संगम – नदीम अहमद वर्तमान […]

वैश्विक साहित्य में राम राम भारतीय जन-जीवन में व्याप्त एक कालजयी चरित्र हैं,जिन्होंने संपूर्ण विश्व को अपने आदर्श एवं मर्यादा पुरुषोत्तम स्वरूप से प्रभावित किया है।जिसमें सब रम जाएँ वहीं […]

रामनाम से गांधीजी का पहला परिचय उनकी धाय रंभा के कारण हुआ जिसने उन्हें बताया था कि भूतप्रेत का इलाज रामनाम है ।इस तरह देखें तो रामनाम का प्रभाव बचपन […]

गहराई से किए गए तुलसी काव्य के अवलोकन से यह चित्रित सत्य एकदम साफ हो जाता है कि तुलसी ने राम को चार रूपों में चित्रित किया है:- (1) निर्गुण […]

समाज के अभिन्न अंग व्यक्ति के समग्र जीवन की पृथक-पृथक परिष्कृत एवं सुसंस्कृत गतिविधियों के समुच्चय रूप का नाम संस्कृति है। वर्ल्ड यूनिवर्सिटी एनसाइक्लोपीडिया के अनुसार, “संस्कृति समाज विशेष की […]