
बीसवीं शताब्दी में भारतीय राजनीति के क्षेत्र में सबसे प्रभावकारी नेता के रूप में मोहनदास करमचंद गांधी का उदय हुआ | भारतभूमि को स्वतंत्रता दिलाकर स्वराज्य स्थापित करने की मनीषा […]

बीसवीं शताब्दी में भारतीय राजनीति के क्षेत्र में सबसे प्रभावकारी नेता के रूप में मोहनदास करमचंद गांधी का उदय हुआ | भारतभूमि को स्वतंत्रता दिलाकर स्वराज्य स्थापित करने की मनीषा […]

जब संत काव्यधारा की बात चलती है तो हमारे सामने कबीर, रैदास आदि पुरुष संतों की छवि उभरकर आती है। हिन्दी साहित्य के अधिकांश आलोचकों ने संत साहित्य की आलोचना […]

वर्तमान परिदृश्य में मीडिया अभिव्यक्ति का अग्रणी माध्यम हो गया है। जिसमें सबसे अधिक चर्चित सोशल मीडिया है। सोशल मीडिया ने बहुत कम समय में अधिक गति धारण की है। […]

‘‘धरती खुशी मना तू बरसात आ गयी है जो बात कल न थी वह बात आ गयी है।’’ बरसात की पहली बूँद ज्यों धरती में समायी त्यों धरती सोधी खुशबू […]

“उन्होंने हाथ बढ़ा कर वह तस्वीर उतारी और दीवार पर पड़ जाने वाले उस दाग को देखने लगे, जो तस्वीर के कारण दीवार पर पड़ा था और अब तक तस्वीर […]

हिंदी भक्ति काव्य में ‘गिरधर गोपाल’ से अनन्य प्रेम करने वाली मीरा का स्थान महत्वपूर्ण है। वह भारत के कृष्ण भक्तों में एक प्रमुख स्त्री भक्त है। मीरा के सम्पूर्ण […]

कहानी पढ़ना हमेशा ही सुखद रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण उसका छोटा होना है। कभी भी कहीं भी हम कुछ समय निकालकर कहानी पढ़ लेते हैं । कहानी पढ़ने […]

प्रत्येक मानवतावादी व्यक्ति सकारात्मक शक्ति के संपर्क में शीघ्र ही आ जाता है। जिसकी अमर झलक उसके संपूर्ण व्यक्तित्व और कृतित्व में स्पष्ट दिखती है। ऐसे ही मानवीय मूल्यों एवं […]

२१वीं सदी के कई महत्वपूर्ण विमर्शों में एक विमर्श पर्यावरण भी है। अत्यधिक कार्बन उत्सर्जन से पृथ्वी का तापमान लगातार बढ़ता चला जा रहा है जिससे खाद्यान की पैदावार में […]

भारत में 1990 के बाद भूमंडलीकरण, उदारीकरण तथा निजीकरण जैसी नई संकल्पनाओं का जन्म हुआ. भूमंडलीकरण की प्रकिया के चलते अर्थकेंद्री समाज में उपभोक्तावाद तथा बाजारवाद का प्रचलन बढ़ा. ‘भारत […]