अंकित पाण्डेय की कविताएँ

1. घर दूर है साहब घर बहुत दूर है साहब पाँच मील पैदल एक कोस छकड़ा तो आधा साँस के सहारे जाएंगे ठंड है बदरी ऊपर सूखे पत्तन सी बिछी […]

साहित्य के दर्पण में मुखड़ा देखने की कवायद : परिष्कृत मनोदशा के स्वरूप का यथार्थवादी चिंतनशील परिदृश्य – डॉ.अजय शुक्ला

“ समाज में ऐसे कौन से सतोप्रधान स्वरूप में पवित्र कारक हैं जो जीवन के उत्कर्ष एवं उन्नयन के लिए निरंतर रूप से प्रेरणा प्रदान करते रहते हैं और मानव […]

भारत का स्‍वाधीनता संग्राम : विरासत और सबक – शैलेन्द्र चौहान

भारतीय स्वतंत्रता के 75 वर्ष बाद भारतीय नागरिकों को न केवल स्वतंत्रता आन्दोलन के इतिहास की प्रमुख घटनाओं तथा अनगिनत स्वतंत्रता सेनानियों के शौर्यपूर्ण संघर्षों व उनकी कुर्बानियों का सम्मानपूर्वक […]

पांव ज़मीन परः लोक जीवन की लय का स्पंदन (शैलेन्द्र चौहान) – मोहन सपरा

कवि-कथकॎार-आलोचक शैलेन्द्र चौहान का संस्मरणात्मक उपन्यास उर्फ़ कथा रिपोर्ताज ‘पांव ज़मीन पर’ बोधि प्रकाशन जयपुर से प्रकाशित हुआ है। लोक जीवन की लय को स्पंदित और अभिव्यक्त करती शैलेन्द्र चौहान […]

सार्थक सिनेमा के चितेरे ‘बासु दा’ थे – तेजस पूनियां

भारतीय सिनेमा में सार्थक सिनेमा बनाने वाले निर्देशकों में सत्यजित रे, बासु भट्टाचार्य आदि जैसे बंगाली फिल्म निर्देशकों का स्थान हमेशा अव्वल रहा है। लेकिन इन्हीं लोगों की पंक्ति में […]

अनुक्रमणिका

अनुक्रमणिका संपादकीय  डॉ. आलोक रंजन पांडेय   बातों-बातों में  ऑस्ट्रेलिया की हिंदी साहित्यकार भावना कुँवर से संवाद – डॉ. नूतन पाण्डेय   शोधार्थी सिलहटी रामायण – अभय रंजन स्वाधीनता पूर्व […]

ऑस्ट्रेलिया की हिंदी साहित्यकार भावना कुँवर से संवाद – डॉ. नूतन पाण्डेय

यूं  तो डॉ.भावना कुंवर जी  भारत में पली बढ़ी  हैं लेकिन कुछ दशकों से  उन्होंने  ऑस्ट्रेलिया को अपनी कर्मस्थली बनाया हुआ है | ऑस्ट्रेलिया की व्यस्त दिनचर्या  के बावजूद भावना […]

सिलहटी रामायण – अभय रंजन

सिलहट पूर्वोत्तर बांग्लादेश में एक महानगरीय शहर है । बंगाल के पूर्वी सिरे पर सूरमा नदी के दाहिने किनारे पर स्थित एक उष्णकटिबंधीय जलवायु और हरे-भरे ऊंचे इलाके वाला शहर […]

स्वाधीनता पूर्व की हिंदी कहानियों में विवाहेतर संबंध – कुसुम सबलानिया 

शोध सार – इस शोध पत्र में समाज में आए विचलन को साहित्य की सशक्त विधा कहानियों के जरिए समझने की कोशिश की गई है। साहित्य को समाज का दर्पण […]