मध्यवर्ग की बौद्धिकता और ‘विपात्र’ – चंद्रमणि सिंह

‘विपात्र’, ‘काठ का सपना’ की अंतिम रचना है। संभवतः इसका रचनाकाल 1963-64 का है जैसा कि मुक्तिबोध रचनावली में व्यक्त है। यही वह समय है जब मुक्तिबोध बीमारी की अवस्था […]

हिंदी अनुवाद के इतिहास लेखन में आचार्य रामचंद्र शुक्ल का योगदान – वीरेंद्र कुमार मीना

वर्तमान समय में ज्ञान के प्रत्येक क्षेत्र से लेकर व्यक्ति की दिनचर्या तक में अनुवाद ने अपना महत्त्व स्थापित किया है। बिना अनुवाद के हम यह तक नहीं जान सकते […]

दिल्ली दरबार (उपन्यास) लेखक : सत्य व्यास ‌‌- नितिन चौरसिया

हिंदी साहित्य के नवोदित कथाकारों की कृतियों में सत्य व्यास जी द्वारा लिखित उपन्यास ‘दिल्ली दरबार’ प्रशंसनीय है | यह कहानी देश के छोटे-छोटे शहरों से निकलकर राजधानी दिलवालों की […]

हिन्दी कथा साहित्य और टेलीफिल्म : डॉ. विपुल कुमार

‘साहित्य समाज का दर्पण है’ – यह कहावत अपनी कसौटी पर खरी है या नहीं पर साहित्य को समझने के लिए समाज को जानना आवश्यक है। व्यक्ति का सामंजस्य, संबंध […]

एनिमेशन फिल्मों का जादुई संसार – डॉ. अंकित कुमार श्रीवास्तव

बच्चों का मन मनुष्य जीवन की सबसे प्रारंभिक एवं कोमल प्रवृत्ति है| प्रारंभिक अवस्था में बच्चों का जीवन बहुत ही भावुक और संवेदनशील होता है | इस दौरान अधिगम की […]