
पूछा…… क्यों……. नहीं ? अम्मा………..अम्मा………अम्मा जाऊँ ? अम्मा……….मॉं………….. माई जाऊँ ? देख मैं अकेला तेरे खाने का कर रही हूँ तैयारी ठंडी होने से पहले बिन बुलावे से आना मेरा […]
पूछा…… क्यों……. नहीं ? अम्मा………..अम्मा………अम्मा जाऊँ ? अम्मा……….मॉं………….. माई जाऊँ ? देख मैं अकेला तेरे खाने का कर रही हूँ तैयारी ठंडी होने से पहले बिन बुलावे से आना मेरा […]
रोज़ आदमी आदमी नहीं होता कभी कभी आदमी में एक अलग किस्म का आदमी होता है जो बिल्कुल भिन्न अवसरवादी सा होता है जो अलग बिल्कुल सपाट नया चेहरा लिए […]
खेल सांत्वना का मृतक परिवार से मिलते हो ऐसे जैसे कुछ हुआ ही नहीं उनके जीवन में सांत्वना के पुल भी तुम बाँधते हो बच्चों के लिखाई -पढाई का सारा […]
दुनिया चे ऐसी कोई शह नी जट्टीये। जेड़ी तेरे कदमां चे धरी जाणी नी।। वो लड़की कब से दीप को फोन किए जा रही थी मगर सामने से यह कॉलर […]
भूख के साये में दुनिया के सांसारिक सत्यों में एक और अटल सत्य जुड़ना चाहिए जिसके बिना, इन सब सच्चाईयों का कोई औचित्य नहीं भूख भी सच का रूप है […]
गौरैया के हक़ में गांव के चैपाल में चहकती गौरैया मीठे-मीठे गीत सुनाती गौरैया गुड़िया को धीरे से रिझाती गौरैया याद आज आती है हरे-भरे पेड़ों पर फुदकती गौरैया घर […]
उनकी मूछें घनी एवं मोटी, आँखें गहरी काली, रंग बिल्कुल गोरा, ललाट उन्नत, कद पांच फुट दस इंच, वजन पच्चासी किलोग्राम और उम्र करीब चौबालिस साल थी | चूंकि, वह […]
फ़रिश्ता चाँद का हज़ारों गम हैं बिछुड़न के एक नगीना प्रेम का रात उजयाली करने आया एक फ़रिश्ता चाँद का स्वप्न सुंदर नयन मग्न और दरिया जो शाम का वक़्त […]
1. घातक जाल बिछाये हैं घर – बाहर या प्लॉंट सड़क, हर जगह मौत के साये हैं। हमने ही तो आँख मूँदकर, घातक जाल बिछाये हैं।। साफ सफाई रखकर के, […]
दर्द कुछ इस तरह किसी भी जीवन में घर कर जाता है। आँखो के आँशुओ को आँखो के घर से बेघर कर जाता है।। अँधेरे भी जीवन मे कुछ ऐसे […]