
वह ब्रज मधुवन की कली, खेलन को थी होली चली| थी संग एक टोली अली , पीछा करे मधुवन कली || […]
वह ब्रज मधुवन की कली, खेलन को थी होली चली| थी संग एक टोली अली , पीछा करे मधुवन कली || […]
फिर चली हवा परधानी की फिर चली हवा परधानी की पैरों पर शीश झुकाने की , अम्मा ,आजी,काकी,चाची से झूठी बात बनाने की ।। फिर […]
जी मम्मी … मम्मी मैं आपको बता नहीं सकती की मैं कितना खुश हूँ। इतने सालों बाद तो कोई उम्मीद की किरण नजर आई है। अब हमारे घर में भी […]
मैं बोलती हूँ ज़माने से उनके आगे हो जाती हूँ चुप ज़माना सोचता है इसे मेरी शर्म वो सोचते हैं इसे मेरी रुसवाईयाँ सिर्फ़ मैं जानती हूँ इसके पीछे के […]
कुल्हड़ में गर्मी ड़ाल सर्दी को सुढ़क लेती थी वाष्प अपने पारदर्शी गर्दन से गटक लेती थी नहाकर,जब भी आती थी वह मुंडे़र पर यारों भींगी जुल्फों से, पानी की बूंदें झटक देती थी […]
1. नारी जीवन-सम्मान नारी- सम्मान निराकृत से, दुःखमय समाज हो जाता है। नारी को सुख पहुंचाने से, सुखमय समाज हो जाता है।। इतिहास प्रत्यक्षित करने से, यह विदित हमें हो […]
मैंने अचानक अपने व्हाट्सऐप पर देखा तो वह अनेकों हिदायतें और आशीर्वादों से भरा था जैसे तुम्हारा डायबिटीज बढ़ा हुआ है मीठी चीज बिल्कुल न खाओ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित […]
दिनांँक 20\ 03\2020 को मैं नि:शब्द हूंँ| कहने को बहुत बड़ा […]
क्या कभी किसी ने इक्कीसवीं सदी में जीते हुए, नई-नई टेक्नोलाॅजी के दौर में सोचा था कि घरों के अंदर रहते हुए भी मास्क लगाने पड़ सकते हैं। रेस्टोरेटं, डांस […]
भोरहरी में उठते ही रंजना खेत से लायी ताजी हरी भिंडियाँ काटने बैठ गयी। रोज सबसे पहला उसका यही काम था। उजाला होते ही सूरज की किरणें भी धीरे-धीरे धरती […]