
वह उनकी इकलौती पुत्री थी. माता चाहती थी कि उनकी पुत्री को उनके पति जैस व्यापारी वर न मिले, जबकि पिता चाहते थे कि उनकी पुत्री को व्यापारी वर मिलें । […]

वह उनकी इकलौती पुत्री थी. माता चाहती थी कि उनकी पुत्री को उनके पति जैस व्यापारी वर न मिले, जबकि पिता चाहते थे कि उनकी पुत्री को व्यापारी वर मिलें । […]

अस्वस्थता में पहचान होती ईश्वर और इंसान की कौन था मददगार श्मशान के क्षणिक वैराग्य ज्ञान की तरह भूल जाता इंसान मदद के अहसान को फर्ज के धुएँ में सांसे […]

(1) सपने देखते देखते चुक जाता है वुजूद, जैसे चुक जाये सूरज शाम ढलते न ढलते ! रास्ते चुक जाते हैं मंज़िल तक पहुँचते पहुँचते जैसे चुक जायें विचार अपनी […]

नारी जग की आधी भाग है नारी, उससे जिन्दगी होती पूरी सारी, फिर भी वह आज है बिचारी ! हर रूप में वह सहारा सबकी, कभी माँ, कभी बहन, कभी […]