गांधीजी के राम : एक सांस्कृतिक-विमर्श – डॉ. अरुणाकर पाण्डेय
तुलसी के राम सौंदर्य, शक्ति और शील के संगम – नदीम अहमद
वर्तमान सांस्कृतिक संकट और राम कथा – डॉ. दीप्ति
राम के ‘निराला’ व निराला के ‘राम’ – राजन सिंह
मध्ययुग की असमीया साहित्य में राम – डॉ. नयनमणि बरुवा
निराला साहित्य में राम – प्रतिभा
भवभूति के राम – डॉ. पल्लवी भूदेव पाटील
भक्ति कालीन साहित्य में राम – पार्वती
तुलसी साहित्य में राम – तिलकराज गर्ग
सगुनहि अगुनहि नहिं कछु भेदा : कबीर और तुलसी के – पिंकी कुमारी
संस्कृत साहित्य में राम – डॉ. रेणु गुप्ता
निराला के साहित्य में राम – डॉ. सरोज पाटिल
तुलसीदास के काव्य में आधुनिकता – अनुराग सिंह
संशय की एक रात के राम – उज्ज्वल शुक्ला
वैश्विक साहित्य में राम – सिद्धेश्वर काश्यप
भारतीय संस्कृति का अनूदित रूप : रामकथाएं – प्रियंका
भारतीय सामाजिक-सांस्कृतिक संकट और रामकथा – शैलेंद्र कुमार सिंह
पूर्वोत्तर भारत के समाज,साहित्य एवं संस्कृति में राम (असमिया भाषा के विशेष सन्दर्भ में) – अजय कुमार
नरेंद्र कोहली की रामकथा में स्त्री विमर्श – सुविज्ञा प्रशील
तुलसी साहित्य में राम – डॉ. यशवन्ती देवी
वैश्विक साहित्य में राम (तेलुगु साहित्य में राम) – एन.बी.एन.वी. गणपति राव
मैं नेता हूं – आचार्य धीरज द्विवेदी “याज्ञिक”
आज लेखक, पाठक और प्रकाशक – शैलेन्द्र चौहान
लोक-मंगल और रीति नीति की गायक हैं, गिरिधर की कुंडलियां – पद्मा मिश्रा
अच्छी और सच्ची आइडियोलॉजी के सरदार ‘सरदार उधम’ – तेजस पूनियां