प्रेमचंद की कहानी ‘कफन’ में सामाजिक यथार्थ और मानव मनोविज्ञान का समग्र अध्ययन – प्रो. यशवंतकर संतोषकुमार लक्ष्मण

प्रस्तावना (Introduction): मुंशी प्रेमचंद (1880–1936) हिन्दी कथा साहित्य के प्रमुख स्तंभ हैं। वे अपने यथार्थवादी दृष्टिकोण, जनसरोकारों से जुड़ी विषयवस्तु, और सरल-सुबोध भाषा के लिए जाने जाते हैं। ‘कफन’ उनकी […]

रहस्यात्मक परिवेश और प्रेमचन्द का कायाकल्प – हर्षित तिवारी

प्रेमचंद ने हिंदी कथा साहित्य में उपन्यास को ऐयारी और तिलिस्मी दुनिया से बाहर निकाल कर सहज जीवन में स्थापित किया तथा समाज में आदर्शवाद की नींव रखी । प्रारंभिक […]

प्रेमचंद की कथाओं में लोक धर्म निरूपण – डॉ वारिश जैन

शोध सारांश – प्रेमचंद हिंदी साहित्य जगत के अद्वितीय कथाकार हैं। वे हिंदी साहित्य आकाश के ऐसे चंद्रमा है जिन्हें हर हिंदी प्रेमी चकोर की भांति प्रेम और सम्मान पूर्वक […]

हिंदी साहित्य का आधा इतिहास : हिंदी स्त्री-साहित्य का सौंदर्यशास्त्र – शिवानी कार्की

प्रस्तावना:- हिंदी साहित्येतिहास लेखन की एक सुदीर्घ परम्परा रही है। विदेशी प्रयासों से आरंभ होकर भारतीय हिंदी साहित्येतिहासकारों तक पहुंचने में हिंदी साहित्येतिहास ने एक लंबा रास्ता तय किया है। […]

संबंधों की बगिया (कविता) – डॉ. शारदा प्रसाद

संबंधों की बगिया है उजड़ी फूल-पत्ते भी चुप-चुप हैं बसंती बयार भी भटकी हुई सुख-बादल भी गुमसुम हैं!   नदी संवेदना की सूख गई उजड़े-उजड़े कूल-किनारे! सूखी नदी में नौका […]

वह लड़का – राहुल पाल

सूर्य देवता आग उगल रहे हैं, हवा का कहीं नामों-निशान नहीं और बह भी रही है, तो मंद मंद गति से पेड़-पौधे सब सूख गए, इस समय तो बरसात होने […]

“तपते रिश्ते” – ललिता द्विवेदी “लवनी”

आज मैंने सूरज को देखा,  आसमान में नहीं,तपती हुई सड़कों पर,  आँखों में चमक, सूखे ओंठ और मैले कपङों में। अपनी सारी कमाई अपने लाङले ग्रहों पर लुटाने वाला सूरज,  […]

बाल मन पर संस्कार…  – डॉ. जया सुभाष बागुल

बाल मन पर संस्कार हो नैतिक शिक्षा और मानवीयता के बाल मन पर संस्कार हो सच्चाई और ईमानदारी के साथ अपना कर्तव्य पूरा करने के   बाल मन पर संस्कार […]

संघर्ष (कविता) – खुशी मिश्रा

ये जो जीवन है, महज संघर्षों का पिटारा है। विनाश और विकास ये एक दूसरे का पूरक और  सहारा है। विनाश जहां है, विकास भी वहां निश्चय है। विकास जब […]

घीसू और् माधव की कहानी ‘‘कफन’’: एक विश्लेषण – डॉ. अनुपमा वर्मा

प्रस्तावना   मैं एक कॉलेज प्राध्यापक हूं और स्नातक स्तर पर मैं अंग्रेजी साहित्य पढाती हूं ।जिसमें गद्य पढाने में मुझे काफी अच्छा लगता है । उसी में एक कहानी […]