
भाग्य आवश्यकता है कर्म की, साहस और परिश्रम की भाग्य भरोसे मत रहना चलो राह अब श्रम की । बढ़ना जो चाहे आगे शुरुआत आज ही कर, जो पाना है […]

भाग्य आवश्यकता है कर्म की, साहस और परिश्रम की भाग्य भरोसे मत रहना चलो राह अब श्रम की । बढ़ना जो चाहे आगे शुरुआत आज ही कर, जो पाना है […]

वसंत बयार वासंती बयार माधवी लता की कदमों को चूमने लगी है सरसों की पीली कलियों को नव यौवना नव युवती के कोमल किसलय तन-मन को । फूलवारी सरसों की […]

मैं नेता हूं मेरी कोई जाति नहीं होती और न ही मेरा कोई धर्म होता है फिर भी मंच पर जब चढ़ जाता हूं तो सबको बताता हूं कि मैं […]

यह वह दौर है, जब व्यक्तिवादी प्रवृत्तियों ने जीवन की सामुदायकिता को दरकिनार कर दिया है। मध्यवर्ग में पढ़ने की प्रवृत्ति बहुत कम दिखाई देती है, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के विकास […]

हिंदी साहित्य अपने काव्य शिल्प, छंद विधान और पारंपरिक विधाओं से समृद्ध रहा है,लोक संस्कृति और साहित्य में ऐसे अनेक कवि हुए हैं जो सहज सरल रूप में कविता के […]

‘आदमी को मारा जा सकता है। उसके विचारों को नहीं और जिस विचार का वक़्त आया हो उसे वक़्त भी नहीं टाल सकता।’ आइडियोलॉजी अच्छी और सच्ची होनी चाहिए।’ हमें […]

अनुक्रमणिका संपादकीय डॉ. आलोक रंजन पांडेय बातों – बातों में हिंदी मेरे ज्ञान और अनुभव का स्त्रोत है : रामा तक्षक (नीदरलैंड के प्रवासी साहित्यकार से संवाद) – डॉ. दीपक […]

सहचर की पूरी टीम की मेहनत के फल स्वरूप पत्रिका का यह अंक आपके समक्ष है। यह पत्रिका अब अपने सातवें वर्ष में है।इन सात वर्षों में आप सभी पाठकों […]

भारत के राजस्थान में जन्में रामा तक्षक नीदरलैंड में रहकर हिंदी साहित्य की समृधि में कार्य कर रहे हैं.आप स्थानीय स्तर पर हिंदी से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन और संयोजन […]

मानव जीवन संघर्ष से परिपूर्ण है I जीवन के संघर्ष के कारण व्यक्ति उदासीन होकर कभी एक स्थान से दूसरे स्थान या परिस्थितियों में भटकने लगता है तो कभी इसी […]