
प्रश्न 1. हिंदी भाषा के वैश्विक परिदृश्य पर आपके क्या विचार हैं ? उत्तर – हिंदी भाषा का जो वैश्विक परिदृश्य है, वैसे तो भारत में जो अपनी हिंदी की […]
प्रश्न 1. हिंदी भाषा के वैश्विक परिदृश्य पर आपके क्या विचार हैं ? उत्तर – हिंदी भाषा का जो वैश्विक परिदृश्य है, वैसे तो भारत में जो अपनी हिंदी की […]
लोकगीत लोक साहित्य की सशक्त और प्रधान विधा है। लोकगीत सरल, मधुर होते हैं जिनमें सुर, लय, तान और गेयता का स्वाभाविक प्रवाह होता है। लोक गीत सामूहिक जन चेतना […]
कृष्ण की भक्ति में लीन मीरा के साहित्य में स्त्री और काव्य का अनोखा संबंध है क्योंकि काव्य के लिए स्त्री प्राणस्वरूपा होती है। काव्य संवेदना और अनुभूति का विषय […]
हिन्दी साहित्य के इतिहास का आदिकाल और रीतिकाल हमेशा से सवालों के घेरे में रहा है। जहां आदिकाल ग्रन्थों की प्रमाणिकता को लेकर तो वही रीतिकाल अपनी विषय सामग्री को […]
रहीम का जन्म लाहौर (अब पाकिस्तान) में 17 दिसम्बर , सन १८५६ को हुआ । उनकी माता का नाम सुल्ताना बेग़म था । पिता बैरम खां मुग़ल बादशाह हुमायूँ के […]
“प्रभु जू , यौँ किन्ही हम खेती । बंजर भूमि, गाउ हर जोते, अरु जेती की तेती । […]
आज मानव जीवन अनेक विसंगतियों एवं विडम्बनाओं से जूझ रही हैं। एक समय हुआ करता था जब लोग प्रेम, स्नेह, सद्भावना के साथ जीवन यापन किया करते थे। एक दूसरे […]
अलका सरावगी का अद्यतन उपन्यास ‘जानकीदास तेजपाल मैनशन’ (2015) कलकत्ता के बड़ाबाजार (सेंट्रल एवेन्यू) में स्थित 80 परिवारोंवाली एक पुरानी जर्जर इमारत का नाम है। वह लगातार झुक रही है, […]
एक साहित्यिक गोष्ठी का सारांश शहर के तमाम बुद्धिजीवियों कथाकारों और कवियों ने हिन्दुस्तान की समस्याओं को लेकर संगोष्ठी की मंच पर हिन्दुस्तान का नक्शा लगा हुआ था किसी ने […]
अबकी बार इस बार मुझे लगा कि कैसे चीजें बार बार ज्यादा याद आती हैं और टूट टूट कर बुरी तरह से दिल को आहत पहुंचाती हैं। बाहर निकलकर जिधर […]