इक्कीसवीं सदी में स्त्री संघर्ष के विविध समीक्षात्मक परिदृश्य – आशु मंडोरा

समकालीन समाज में विज्ञापन की दुनिया ने स्त्री की एक नयी तस्वीर बनाई है, जिसमें नारी को एक ओर सशक्तीकरण की ताकत भी मिली है तो साथ ही उसे उपकरण […]

परशुराम चतुर्वेदी और संत साहित्य – श्रुति ओझा

हिंदी भक्ति-साहित्य के अध्ययन क्षेत्र में परशुराम चतुर्वेदी की साहित्य साधना बहुत ही अनुकरणीय एवं श्लाघ्य है। वे साहित्य के क्षेत्र में एक रत्न के समान हैं, जिसके आलोक में […]

भक्ति आंदोलन की सामंत विरोधी भूमिका और कबीर – डॉ. कमलेश कुमारी

प्रारूप           भारत एक बहुसांस्कृतिक, बहुधार्मिक देश है और भारतीय संस्कृति के निर्माण में जहाँ सामाजिक, राजनीतिक  आन्दोलनों का महत्त्व रहा है वहीं भक्ति आन्दोलन की भूमिका भी अपना महत्वपूर्ण […]

भारत, इटली और विंकेलमान – प्रशांत कुमार पाण्डेय

जर्मन दार्शनिकों, कवियों, साहित्यकारों, कलाकारों और धार्मिक लोगों के लिए इटली (विशेष रूप से इटली का दक्षिणी हिस्सा) हमेशा से एक महत्वपूर्ण देश रहा है। सदियों से जर्मन विद्वान इस […]

प्रेमचंद के कथा साहित्य में मानवाधिकार – डाॅ. गरिमा जैन

वस्तुतः मानवाधिकर वे अधिकार हैं जो प्रत्येक मानव को मानव होने के नाते सामाजिक वातावरण में रहते हुए जीवन में विकास एवं उत्कर्ष के लिए प्राप्त होते हैं। मानव अधिकारों […]

व्हाट्सऐप चलाती हुई माँ (कविता) – राकेश धर द्विवेदी 

मैंने अचानक अपने व्हाट्सऐप पर देखा तो वह अनेकों हिदायतें और आशीर्वादों से भरा था जैसे तुम्हारा डायबिटीज बढ़ा हुआ है मीठी चीज बिल्कुल न खाओ ब्लड प्रेशर को नियंत्रित […]

नि:शब्द (कविता) – आर्ची सैनी

                                      दिनांँक 20\ 03\2020 को                                               मैं नि:शब्द हूंँ|                                   कहने को बहुत बड़ा […]

खींचो न हाथ बंधु (कहानी) – डाॅ. प्रियंका

क्या कभी किसी ने इक्कीसवीं सदी में जीते हुए, नई-नई टेक्नोलाॅजी के दौर में सोचा था कि घरों के अंदर रहते हुए भी मास्क लगाने पड़ सकते हैं। रेस्टोरेटं, डांस […]

‘…बुधिया’ अंतिम नहीं थी ( कहानी ) – डॉ. मधुलिका बेन पटेल 

भोरहरी में उठते ही रंजना खेत से लायी ताजी हरी भिंडियाँ काटने बैठ गयी। रोज सबसे पहला उसका यही काम था। उजाला होते ही सूरज की किरणें भी धीरे-धीरे धरती […]

फांसी सजा नहीं ( कविता ) – मीनाक्षी

जब हमारे समाज में होते हैं अपराध कई तरह के जिसके लिए होते हैं कई तरह के प्रदर्शन भी कैंडल मार्च धरना प्रदर्शन या अन्य कोई जहां लोग लगाते हैं […]