
ख़ुसरो भारतीयता के रंग में रंगे कवि थे। उन्हें भारत की मिट्टी से प्यार था। वो यहाँ के फल-फूल, नदी-तालाब, रीति-रिवाज और परम्परा से प्रभावित थे। यहाँ के परिवेश में […]
ख़ुसरो भारतीयता के रंग में रंगे कवि थे। उन्हें भारत की मिट्टी से प्यार था। वो यहाँ के फल-फूल, नदी-तालाब, रीति-रिवाज और परम्परा से प्रभावित थे। यहाँ के परिवेश में […]
प्रस्तावना- ’उजली आग ’ राष्ट्रकवि रामाधारी सिंह ’ दिनकर ’ द्वारा रचित एक अनोखी और अद्वितीय कृति है जिसमें बोध कथाओं का संकलन है । ये कथाएँ मानव जीवन की […]
शोध सार: आपदा अनपेक्षित घटित होने वाली विध्वंसक घटना है। इसका प्रभाव मानवीय, भौतिक, सामाजिक और वाणिज्यिक सभी पर पड़ता है। वर्तमान समय में हम सभी वैश्विक महामारी कोविड-19 से […]
चित्रा मुद्गल का ‘भूख’ कहानी संग्रह 2001 ई. में प्रकाशित हुआ, जिसमें ‘इस हमाम में’ कथा संकलन की सारी कहानियां शामिल की गयी. इसमें ‘भूख’ शीर्षक कहानी भी शामिल है. […]
प्रकृति व मनुष्य का घनिष्ठ सम्बन्ध रहा है । प्रकृति मानव जीवन का महत्त्वपूर्ण अंग है । प्रकृति है तो मनुष्य का अस्तित्व है और यदि प्रकृति चाहे तो मनुष्य […]
साहित्य के इतिहास में जब भी वाइमार क्लासिक की बात की जाती है, तो उसमे ग्योटे और शिलर के पहले विंकेलमान का नाम आता है. हालाकि बहुत से विद्वान यह […]
केदारनाथ सिंह समकालीन हिंदी कविता के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। ‘तीसरे-सप्तक’ से अपनी काव्य-यात्रा की शुरुआत करने वाले कवि केदारनाथ सिंह ने लगभग साठ वर्षों तक अपनी कविता यात्रा की। […]
भूमंडलीकरण की वास्तविक परिभाषा उसके शब्द से ही स्पष्ट होती है। भू अर्थात् पृथ्वी या धरती, मंडलीकरण अर्थात् मंडल में परिवर्तित कर देना। चूंकि भूमंडलीकरण शब्द आर्थिक क्षेत्र से सम्बन्ध […]
1. भार तो केवल श्वासों का है स्वप्न जो देखा था रात्रि में हमने सुबह अश्रु बन बह किनारे हो गए हैं चांद और मंगल पर विचरने वाले हम आज […]
1. सफ़र सरसराहट संसद तक बिन विश्राम सफ़र करेगी ———————————————————- तिर्रियाँ पकड़ रही हैं गाँव की कच्ची उम्र तितलियों के पीछे दौड़ रही है पकड़ने की इच्छा अबोध बच्चियों का! […]